अध्याय-9 : वैश्वीकरण | NCERT Solutions

कक्षा 12 राजनीति विज्ञान- अध्याय 9 : वैश्वीकरण NCERT Solutions हिंदी में

वैश्वीकरण (Globalization) 20वीं सदी के अंतिम दशक में दुनिया की अर्थव्यवस्था, राजनीति, समाज और संस्कृति को एक-दूसरे से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस अध्याय में समझाया गया है कि किस प्रकार भारत और अन्य विकासशील देशों ने वैश्विक आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में अपनी भूमिका बनाई। यह प्रश्न-उत्तर Class 12 Board Exam की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बेहद उपयोगी हैं। Political Science Class 12 के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण प्रश्न यहाँ सटीक उत्तरों के साथ दिए गए हैं।"

अध्याय-9 : वैश्वीकरण
डिजिटल वैश्वीकरण

1. वैश्वीकरण के बारे में कौन से कथन सत्य हैं?
(क) वैश्वीकरण विशुद्ध रूप से एक आर्थिक घटना है।
(ख) वैश्वीकरण 1991 में शुरू हुआ।
(ग) वैश्वीकरण और पश्चिमीकरण एक ही बात है।
(घ) वैश्वीकरण एक बहुआयामी घटना है।
उत्तर:
(घ)

2. वैश्वीकरण के प्रभाव के बारे में कौन से कथन सत्य हैं?
(क) वैश्वीकरण का राज्यों और समाजों पर प्रभाव असमान नहीं रहा है।
(ख) वैश्वीकरण का सभी राज्यों और समाजों पर एक समान प्रभाव पड़ा है।
(ग) वैश्वीकरण का प्रभाव राजनीतिक क्षेत्र तक ही सीमित रहा है।
(घ) वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप अनिवार्य रूप से सांस्कृतिक एकरूपता आती है।
उत्तर: (घ)

3. वैश्वीकरण के कारणों के बारे में कौन से कथन सत्य हैं?
(क) प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण का कारण नहीं है।
(ख) वैश्वीकरण एक विशेष समुदाय के लोगों के कारण होता है।
(ग) वैश्वीकरण की शुरुआत अमेरिका में हुई।
(घ) केवल आर्थिक परस्पर निर्भरता ही वैश्वीकरण का कारण बनती है।
उत्तर: (ग)

4. वैश्वीकरण के बारे में कौन से कथन सत्य हैं?
(क) वैश्वीकरण केवल वस्तुओं की आवाजाही के बारे में है।
(ख) वैश्वीकरण में मूल्यों का टकराव शामिल है।
(ग) सेवाएँ वैश्वीकरण का एक महत्वहीन हिस्सा हैं।
(घ) वैश्वीकरण का अर्थ विश्वव्यापी अंतर्संबंध है।
उत्तर: (घ)

5. वैश्वीकरण के बारे में कौन सा कथन गलत है?
(क) वैश्वीकरण के समर्थकों का तर्क है कि इससे आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।
(ख)वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे आर्थिक असमानता और ज्यादा बढ़ेगी।
(ग) वैश्वीकरण के पैरोंकारो का तर्क है कि इससे सांस्कृतिक समरूपता आएगी।
(घ) वैश्वीकरण के आलोचकों का तर्क है कि इससे सांस्कृतिक समरूपता आएगी।
उत्तर: (घ)

6. विश्वव्यापी 'पारस्परिक जुड़ाव' क्या है? इसके कौन-कौन से घटक हैं?
उत्तर: विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव का अर्थ है : विचार, वस्तुओं तथा पूँजी का दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुँचना। इससे विश्व के विभिन्न भाग परस्पर एक-दूसरे के समीप आ गए हैं। जहाँ हर देश एक-दूसरे पर किसी न किसी रूप में निर्भर है। यह जुड़ाव आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और राजनीतिक स्तर पर होता है।
वैश्वीकरण की प्रक्रिया के कारण, आज दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली घटना का असर दूसरे हिस्से पर भी पड़ सकता है। उदाहरण के लिए:  एक देश की आर्थिक मंदी दूसरे देशों के व्यापार को प्रभावित कर सकती है।
विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव के मुख्य घटक:
1. आर्थिक जुड़ाव : अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विदेशी निवेश और वैश्विक बाजार की वृद्धि तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ और वैश्विक उत्पादन शृंखलाएँ।
जैसे — Apple, Amazon, Reliance जैसी कंपनियों का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव।
2. सांस्कृतिक जुड़ाव : विभिन्न देशों की जीवनशैली, फैशन, खानपान और मनोरंजन में समानता।
जैसे — हॉलीवुड फिल्में भारत में लोकप्रिय हैं और भारतीय संगीत विदेशों में।
3. राजनीतिक जुड़ाव : संयुक्त राष्ट्र (UN), WTO, IMF जैसे वैश्विक संगठनों में सदस्यता और सहयोग।
जैसे – जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद
4. तकनीकी जुड़ाव : इंटरनेट, मोबाइल संचार, उपग्रह तकनीक आदि के माध्यम से सूचना का आदान-प्रदान।
जैसे - Zoom, WhatsApp, Google जैसी सेवाओं का विश्वव्यापी उपयोग।
5. पर्यावरणीय और स्वास्थ्य जुड़ाव : जलवायु परिवर्तन, महामारी (जैसे कोविड-19)। 

7. वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है?
उत्तर: प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण की मुख्य प्रेरक शक्ति है। इसने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को तेज़, सुलभ और प्रभावशाली बना दिया है और देशों को आपस में निकट लाने का काम किया है। इसके प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं:
1. सूचना और संचार के माध्यम से इंटरनेट, मोबाइल फोन, सोशल मीडिया आदि ने लोगों को विश्वभर से जोड़ दिया है।
उदाहरण: एक व्यक्ति भारत से अमेरिका में तुरंत ईमेल या वीडियो कॉल कर सकता है।
2. ई-कॉमर्स, डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन बैंकिंग जैसी तकनीकों ने व्यापार को वैश्विक बना दिया है। 
3. तेज़ और सस्ते हवाई, जल और सड़क परिवहन ने माल और लोगों की आवाजाही आसान बना दिया है।
4. वैश्विक पर्यटन और व्यापार बढ़ा है।
5 . उद्योगों में नई तकनीक के प्रयोग जैसे ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों ने उत्पादन को तेज और कुशल बना दिया है जिसके जरिये कंपनियाँ अब किसी भी देश में अपने उत्पाद बेच सकती हैं।
6. संस्कृतियों का आदान प्रदान - टीवी, फिल्में, ओटीटी प्लेटफॉर्म आदि से दुनिया की संस्कृतियाँ एक-दूसरे से प्रभावित हो रही हैं। जैसे — नेटफ्लिक्स, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म दुनियाभर में एक जैसे कार्यक्रम दिखाते हैं।

8. वैश्वीकरण के सन्दर्भ में विकासशील देशों में राज्य की बदलती भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें ?
उत्तर: वैश्वीकरण के प्रभाव में विकासशील देशों में राज्य की भूमिका में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
जहाँ पहले राज्य कल्याणकारी योजनाओं और संसाधनों पर नियंत्रण का प्रमुख केंद्र था, वहीं अब वैश्वीकरण के बाद बाजार और निजी क्षेत्र बन गया है। इस परिवर्तन के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष हैं।
आलोचनात्मक मूल्यांकन:
सकारात्मक पक्ष:
1. आर्थिक विकास को गति मिली।
2. रोज़गार के नए अवसर उत्प्पन हुए 
3. उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और बेहतर सेवाएं उपलब्ध हुईं।
नकारात्मक पक्ष:
1. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ व्यापर और व्यवसाय के नाम पर गरीबऔर पिछड़े देशों की राजनीतिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप करने लगी।
2.  सार्वजनिक क्षेत्र कमजोर हुआ और आत्मनिर्भरता घटी।
3.  स्थानीय उद्योगों पर वैश्विक कंपनियों का दबाव बढ़ा।
4.  राज्य की कल्याणकारी भूमिका सीमित हो गई, जिससे असमानता बढ़ी।

9. वैश्वीकरण की आर्थिक परिणतियाँ क्या हुई हैं ? इस सन्दर्भ में वैश्वीकरण ने भारत पर कैसे प्रभाव डाला हैं?
उत्तर: वैश्वीकरण का अर्थ है –
“पूरी दुनिया का आपस में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्तर पर जुड़ना।”
वैश्वीकरण की आर्थिक परिणतियाँ :
1. देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और पूँजी का आदान-प्रदान तथा व्यापार तेज़ी से बढ़ा।
2. विदेशी कंपनियों के द्वारा निवेश (FDI) बढ़ाये जाने पर उत्पादन, रोजगार और तकनीक में बदलाव आया।
3. वैश्वीकरण से अमीर और गरीब देशों के बीच तथा देशों के भीतर भी असमानता बढ़ी है जिसके कारण अमीर वर्ग और अमीर होता चला गया और गरीब और ग़रीब होता गया। 
4. कई देशों द्वारा आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण और मुक्त बाजार की नीतियों को अपनाया गया हैं।
5. IT, BPO, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में रोज़गार बढ़ा।
भारत पर वैश्वीकरण का प्रभाव :
भारत में 1991 में आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG reforms) लागू हुए। इसके प्रभाव निम्नलिख्ति रूप से इस प्रकार हैं —
1. वैश्वीकरण के बाद भारत की GDP वृद्धि दर तेज हुई। नई तकनीक, विदेशी निवेश (FDI) और निर्यात में बढ़ोतरी हुई।
2. सेवा क्षेत्र (जैसे – IT, BPO, Infosys, TCS) का तेज़ी से विकास हुआ जिससे नई नौकरियाँ पैदा हुईं, परन्तु इसका कृषि क्षेत्र में मजदूरों पर दबाव बढ़ा।
3. उपभोक्ता के पास अधिक विकल्प उपलब्घ हुए हैं। जैसे मल्टीनेशनल कम्पनीज का भारत में प्रवेश 
4. छोटे और कुटीर उद्योग की जगह मशीनो ने ले ली जिसके कारण यह बंद होने लगे।
5. स्वदेशी उत्पादों का बाजार कम होने स्वदेशी उत्पादों का बाजार कम होने लगा हैं।

10. क्या आप इस तर्क  है कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विभिन्नताएं बढ़ रही हैं ?
उत्तर: आम तौर पर लोग कहते हैं कि वैश्वीकरण से संस्कृतियां एक जैसी हो रही हैं लेकिन इसके विपरीत यह भी तर्क दिया जाता है कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विविधता बढ़ रही है। क्यूंकि : 
1. वैश्वीकरण के कारण लोग दुनिया भर की भाषाओ , रीति-रिवाजों , कला, भोजन आदि को देख और जान पा रहे हैं। जिससे हर संस्कृति में नयी चीजें जुड़ रही हैं, जिससे वह और भी बहुरंगी हो रही है।
2. वैश्वीकरण ने दुनिया के कोनों को जोड़ दिया है। लोग अलग-अलग संस्कृतियों के संगीत, फैशन, खानपान और त्योहारों को अपनाते हैं, जिससे नई सांस्कृतिक शैलियाँ उभर रही हैं।
3. कई समाजों में अपनी पहचान को बचाए रखने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं, लोककला, लोकनृत्य आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
4. एक ही संस्कृति में कई सांस्कृतिक तत्व मिलकर नई ‘हाइब्रिड’ संस्कृति बनाते हैं। जैसे — भारतीय सिनेमा में पाश्चात्य और पारंपरिक दोनों का मिश्रण।
- दूसरी और कुछ लोग मानते हैं कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक एकरूपता बढ़ रही है 
लोग अपने देश के ब्रैंड्स से ज्यादा विदेशी ब्रांड्स को महत्व दे रहे हैं ।
वैश्वीकरण से बड़े देशों की संस्कृति (जैसे अमरीकी पॉप संस्कृति) छोटे देशों पर हावी हो रही है — इससे स्थानीय भाषाओं, परंपराओं और कला को खतरा भी है।

11. वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया हैं और भारत कैसे  वैश्वीकरण को प्रभावित रहा हैं ?
उत्तर : वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है:
1. आर्थिक प्रभाव : 
(i) 1991 में भारत ने आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई, जिससे विदेशी निवेश, निजीकरण और व्यापार उदारीकरण को बढ़ावा मिला। 
(ii) विदेशी कंपनियों के लिए बाजार खोला इससे रोज़गार के नए अवसर बढ़े। 
(iii) निर्यात बढ़ा और विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत हुआ।
2. सामाजिक प्रभाव : 
(i) वैश्वीकरण के कारण शहरीकरण और मध्य वर्ग का विस्तार हुआ।
(ii) उपभोक्तावाद बढ़ा
(iii) ग्रामीण क्षेत्रों और उद्योगों पर दबाव पड़ा, जिससे शहरी-ग्रामीण और अमीर-गरीब के बीच अंतर बढ़ा।
3. राजनीतिक प्रभाव : 
(i) भारत ने WTO, IMF, World Bank जैसी वैश्विक संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाई
(ii) भारत ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (FTA) किया ।
(iii) सरकारों पर वैश्विक संस्थाओं (जैसे WTO, IMF, विश्व बैंक) की नीतियों के अनुसार निर्णय लेने का दबाव बढ़ा।
4. संस्कृति प्रभाव:
(i) वैश्विक संस्कृति, जैसे कि फास्ट फूड, फैशन, मनोरंजन (टीवी, फिल्में), आदि की भारत में लोकप्रियता बढ़ी।
(ii) पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ा।
5. सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में भारत ने तेज़ी से प्रगति की।
भारत ने वैश्वीकरण को कैसे प्रभावित किया है:
1. भारत ने वैश्विक आईटी उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है और भारत IT और BPO सेवाओं का वैश्विक केंद्र बन गया है- बेंगलुरु को ‘सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया’ कहा जाता है।
2. भारतीय सॉफ़्टवेयर कंपनियाँ जिसके अन्तगर्त TCS, Infosys, Wipro आदि शामिल है, विश्वभर में सेवाएँ प्रदान कर रही हैं।
3. भारत के कुशल इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक और शिक्षक बड़ी संख्या में वैश्विक स्तर पर कार्यरत हैं और उन्होंने वैश्वीकरण को गति प्रदान की है।
4. भारतीय प्रवासी (NRI/PIO) विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है और भारत की संस्कृति को वैश्विक स्तर पर फैलाया है।
5. भारतीय भोजन, योग, बॉलीवुड फिल्में ,पारंपरिक संगीत और त्योहार आज दुनिया भर में लोकप्रिय हैं।
 6. भारत G20, BRICS, SCO जैसी समूहों में सक्रिय है और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देता है।
7. भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसे मंचों पर विकासशील देशों के हितों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
8. जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ विकास जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत ने सक्रियता दिखाई।





📌 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – वैश्वीकरण

Q1. वैश्वीकरण (Globalization) क्या है?
Ans : वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा दुनिया के देश आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़ते हैं और संसाधनों, बाजारों और तकनीक का आदान-प्रदान बढ़ता है।

Q2. वैश्वीकरण के मुख्य कारण क्या हैं?
Ans : अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश में वृद्धि
तकनीकी प्रगति और इंटरनेट का विकास
वैश्विक बाजार और मल्टीनेशनल कंपनियों का विस्तार
राजनीतिक सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका

Q3. वैश्वीकरण की विशेषताएँ क्या हैं?
Ans : आर्थिक उदारीकरण और मुक्त व्यापार
बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका
सांस्कृतिक और सामाजिक आदान-प्रदान
वैश्विक राजनीति में देशों के बीच सहयोग

Q4. वैश्वीकरण के भारत पर प्रभाव क्या हैं?
Ans : सकारात्मक: आर्थिक वृद्धि, विदेशी निवेश, रोजगार के अवसरनकारात्मक: असमानता, घरेलू उद्योगों पर दबाव, सांस्कृतिक संकट

Q5. बोर्ड परीक्षा के लिए कौन-कौन से प्रश्न महत्वपूर्ण हैं?
Ans : वैश्वीकरण की परिभाषा, कारण और प्रक्रिया
वैश्वीकरण के प्रभाव और विशेषताएँ
भारत और वैश्वीकरण का संबंध



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