वैश्वीकरण | Class 12 Political Science Notes

कक्षा 12 राजनीति विज्ञान वैश्वीकरण -(Globalisation) नोट्स हिंदी में

वैश्वीकरण (Globalisation) कक्षा 12 राजनीति विज्ञान का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय है। इस अध्याय से हर साल CBSE Board Exams में प्रश्न पूछे जाते हैं।

शीत युद्ध के बाद वैश्वीकरण ने तेजी से गति पकड़ी, और देशों के बीच संपर्क, निवेश और व्यापार के नए अवसर बने। भारत ने भी आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को अपनाकर विश्व अर्थव्यवस्था में अपनी भागीदारी बढ़ाई
इस नोट्स में हम विस्तार से देखेंगे कि वैश्वीकरण के कारण, प्रक्रिया और इसके प्रभाव क्या हैं, और कैसे इसने वैश्विक राजनीति और भारत की नीति को प्रभावित किया।

कक्षा 12 राजनीति विज्ञान – वैश्वीकरण (Globalisation) नोट्स हिंदी में chapter-9
Globlization

वैश्वीकरण : 

वैश्वीकरण से अभिप्राय किसी वस्तु, सेवा, व्यक्ति, विचार, पूंजी आदि का एक जगह से दूसरी जगह आदान-प्रदान करना 
वैश्वीकरण का मतलब है दुनिया के देशों का आपस में जुड़ना और एक-दूसरे पर प्रभाव डालना। यह आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी क्षेत्रों में होता है।
अब कोई देश अकेले काम नहीं करता, बल्कि दूसरे देशों के साथ मिलकर व्यापार करता है, सांस्कृतिक आदान-प्रदान करता है और तकनीक साझा करता है। यह प्रक्रिया लगातार तेज हो रही है।


वैश्वीकरण के प्रकार :

(i) आर्थिक वैश्वीकरण :
देशों के बीच व्यापार, निवेश और पूंजी का आदान-प्रदान बढ़ना। जैसे भारत में विदेशी कंपनियाँ आना और भारतीय कंपनियाँ विदेशों में निवेश करना।

(ii) सांस्कृतिक वैश्वीकरण :
अलग-अलग देशों की संस्कृतियाँ एक-दूसरे से प्रभावित होती हैं। जैसे बॉलीवुड फिल्मों का विदेशों में जाना, विदेशी खाना या फैशन का भारत में लोकप्रिय होना।

(iii) राजनीतिक वैश्वीकरण :
देशों के बीच राजनीतिक सहयोग बढ़ना, जैसे संयुक्त राष्ट्र (UN), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थान।

(iv) तकनीकी वैश्वीकरण :
इंटरनेट, मोबाइल, और तकनीकी उपकरणों का दुनिया भर में फैलाव। इससे जानकारी और संचार तेज़ और सस्ता हो गया है।

वैश्वीकरण notes

वैश्वीकरण के कारण :

वैश्वीकरण के बढ़ने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनकी वजह से दुनिया के देशों के बीच संपर्क और आपसी निर्भरता तेजी से बढ़ी।

(i) तकनीकी विकास :
  • इंटरनेट, मोबाइल फोन, और परिवहन के साधनों में सुधार ने दुनिया को करीब लाया।
  • जानकारी और सामान अब तेज़ी से देशों के बीच पहुँच सकता है।
(ii) व्यापार और निवेश पर कम बंदिशें :
  • देशों ने अपने टैक्स, सीमा शुल्क और व्यापार नियमों में ढील दी।
  • इसके कारण देशों के बीच व्यापार और निवेश के अवसर बढ़े।
(iii) मुक्त व्यापार समझौते :
  • NAFTA, WTO जैसे समझौते देशों के बीच व्यापार को आसान और सस्ता बनाने में मदद करते हैं।
  • इससे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा और सहयोग बढ़ता है।
(iv) मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) का विस्तार :
  • बड़ी कंपनियाँ अब कई देशों में कारोबार करती हैं।
  • इससे उत्पादन, निवेश और रोजगार के नए अवसर बनते हैं।
(v) सूचना और ज्ञान का तेज़ आदान-प्रदान :
  • तकनीक और मीडिया के कारण सूचना, शिक्षा और ज्ञान तेजी से दुनिया भर में फैलती है।
  • यह वैश्विक सहयोग और निर्णयों में मदद करता है।

वैश्वीकरण के लाभ :

वैश्वीकरण ने दुनिया के देशों और लोगों के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

(i) रोजगार के अवसर बढ़ना :
  • नई कंपनियों और मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) के आने से नौकरी के अवसर बढ़े।
  • इससे खासकर युवाओं के लिए रोजगार के नए विकल्प बने।
(ii) सस्ते और अच्छी चीजें :
  • दूसरे देशों से सस्ते दामों पर गुणवत्ता वाली वस्तुएँ उपलब्ध होने लगीं।
  • इससे उपभोक्ताओं के लिए विकल्प और सुविधा बढ़ी।
(iii) ज्ञान और तकनीक का तेज़ फैलाव :
  • नई तकनीक, विज्ञान और जानकारी जल्दी से देशों के बीच आसान और तेज़ आदान-प्रदान होती है।
  • इससे उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हुआ।
(iv) देशों के बीच आपसी सहयोग :
  • देशों की आपसी निर्भरता बढ़ने से युद्ध और संघर्ष की संभावना कम हुई।
  • यह वैश्विक शांति और सहयोग को मजबूत करता है।
(v) संस्कृति का आदान-प्रदान :
  • लोग अलग-अलग देशों की संस्कृति, भोजन, पहनावा और रीति-रिवाज समझने और अपनाने लगे।
  • इससे वैश्विक समुदाय में आपसी समझ और tolerance बढ़ा।

वैश्वीकरण के नुकसान :

वैश्वीकरण ने जैसे कई लाभ दिए हैं, वैसे ही इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो समाज और अर्थव्यवस्था पर असर डालते हैं।

(i) गरीब और छोटे व्यवसायों पर दबाव :
  • विदेशी और बड़ी कंपनियों के आने से स्थानीय छोटे व्यवसाय और दुकानदार प्रभावित होते हैं।
  • उन्हें प्रतिस्पर्धा में टिकना मुश्किल हो जाता है।
(ii) सांस्कृतिक असमानता और खतरा :
  • कुछ प्रमुख पश्चिमी या वैश्विक संस्कृतियाँ पूरी दुनिया में फैल जाती हैं।
  • इससे स्थानीय और पारंपरिक संस्कृतियाँ कमजोर हो सकती हैं।
(iii) आर्थिक असमानता बढ़ना :
  • वैश्वीकरण अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ा देता है।
  • अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होता चला जाता है, जिससे देशों और समाज में दूरी बढ़ती है।
(iv) प्राकृतिक संसाधनों का दोहन :
  • उत्पादन बढ़ाने के लिए जल, मिट्टी, जंगल और ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल होता है।
  • इससे पर्यावरणीय नुकसान और असंतुलन पैदा होता है।
(v) बेरोजगारी :
  • कुछ क्षेत्र जहाँ वैश्विक कंपनियाँ निवेश नहीं करती, वहाँ रोजगार कम हो जाता है।
  • इससे स्थानीय लोग बेरोजगार और आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं।

वैश्वीकरण के प्रभाव :

आर्थिक प्रभाव :
(i) आयात प्रतिबंधों में अत्यधिक कमी ।
(ii) अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष , विश्वबैंक , WHO जैसे संस्थाओं द्वारा आर्थिक नीतियों का निर्माण ।
(iii) पूंजी के प्रवाह से पूंजीवादी देशों को लाभ परन्तु विकासशील देशों को कम। 
(iv) वैश्वीकरण के कारण सर्कार अपने सरोकारों से मुँह मोड़ रही हैं।
(v) आलोचक : इससे समाज में आर्थिक समानता बढ़ रही हैं। 

सांस्कृतिक प्रभाव :
(i) विश्व में पश्चिमी संस्कृतियों  को बढ़ावा। 
(ii) खान-पान व पहनावे में विकल्पों की संख्या में वृद्धि। 
(iii) लोगो में सांस्कृतिक परिवर्तनों पर दुविधा।
(iv) संस्कृति की मौलिकता पर बुरा असर। 
(v) रूढ़िवादिता का अंत। 
(vi) सांस्कृतिक दरोहारों का खत्म होना। 

राजनीतिक प्रभाव :
(i) राज्य की क्षमता में कमी। 
(ii) राज्य कुछेक मुख्य कार्य जैसे कानून व्यवस्था बनाना और सुरक्षा तक ही सिमित हो गयी है। 
(iii) राज्ये की प्रधानता बरक़रार हैं परन्तु उसे वैश्वीकरण से कोई खास चुनौती नहीं मिल रही हैं। 


भारत और वैश्वीकरण :

(i) भारत ने विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया और व्यापार में उदारीकरण किया।
(ii) भारत का सॉफ्टवेयर और सेवा क्षेत्र दुनियाभर में प्रसिद्ध हुआ।
(iii) जीवनशैली में बदलाव हुआ अब लोग विदेशी ब्रांड, खान-पान और फैशन को अधिक लोकप्रिय मानते हैं ।
(iv) कुछ क्षेत्र पिछड़ गए, किसानों और छोटे उद्योगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा
(v) युवाओं में वैश्विक सोच और खुलेपन का विकास हुआ।
(vi) भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO), BRICS, G20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में सक्रिय भूमिका निभाई।


निष्कर्ष : 

वैश्वीकरण ने दुनिया को एक परिवार जैसा बना दिया है, जहां सभी देश एक-दूसरे पर निर्भर हैं। इससे विकास के नए रास्ते खुले हैं, लेकिन इसके साथ-साथ चुनौतियाँ भी आई हैं। इसलिए हमें इसका सही और संतुलित इस्तेमाल करना चाहिए ताकि सभी को फायदा हो सके।


❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – 

Q1. वैश्वीकरण (Globalisation) क्या है?
Ans : वैश्वीकरण का अर्थ है पूरी दुनिया को एक वैश्विक गाँव (Global Village) में बदलना, जहाँ वस्तुएँ, सेवाएँ, विचार, संस्कृति और तकनीक सीमाओं से परे जाकर आदान-प्रदान होते हैं।

Q2. कक्षा 12 राजनीति विज्ञान में वैश्वीकरण अध्याय क्यों महत्वपूर्ण है?
Ans : यह अध्याय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय राजनीति, आर्थिक नीतियों और सांस्कृतिक प्रभावों की समझ देता है। बोर्ड परीक्षा में इससे हर साल प्रश्न पूछे जाते हैं।

Q3. वैश्वीकरण के मुख्य लाभ क्या हैं?
Ans :आर्थिक विकास में तेजी
नई तकनीकों का प्रसार
सांस्कृतिक आदान-प्रदान
रोजगार के अवसर

Q4. वैश्वीकरण के नुकसान (Challenges) क्या हैं?
Ans : असमानता (Inequality) बढ़ना
स्थानीय उद्योगों पर दबाव
सांस्कृतिक पहचान पर खतरा
पर्यावरणीय समस्याएँ

Q5. बोर्ड परीक्षा में वैश्वीकरण अध्याय से किस प्रकार के प्रश्न आते हैं?
Ans : यहाँ से लघु उत्तर (Short Answer Questions), दीर्घ उत्तर (Long Questions) और MCQs सभी पूछे जाते हैं। “वैश्वीकरण के प्रभाव”, “भारत पर वैश्वीकरण का असर” और “सकारात्मक व नकारात्मक पहलू” जैसे प्रश्न बहुत महत्वपूर्ण हैं।



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