भारत और पाकिस्तान विभाजन प्रक्रिया | Class 12 Political Science Notes in Hindi (NCERT आधारित)

भारत और पाकिस्तान का विभाजन (Partition of India and Pakistan): कारण, प्रक्रिया, प्रभाव और Class 12 Political Science Notes

"भारत और पाकिस्तान का विभाजन (Partition of India and Pakistan) 1947 में हुआ एक ऐतिहासिक और राजनीतिक घटनाक्रम था जिसने भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक ढाँचे को गहराई से प्रभावित किया। इस लेख में हमने विभाजन के कारण, प्रक्रिया, प्रभाव और इसके राजनीतिक महत्व को विस्तार से समझाया है। साथ ही Class 12 Political Science Notes, NCERT Solutions और बोर्ड परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न भी शामिल किए गए हैं। 

भारत और पाकिस्तान का विभाजन (Partition of India and Pakistan): कारण, प्रक्रिया, प्रभाव और Class 12 Political Science Notes
भारत और पाकिस्तान विभाजन

पृष्ठभूमि :-
  • भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन तेज़ी से फैल रहा था।
  • कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ही ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता चाहते थे, लेकिन भारत के भविष्य की संरचना को लेकर मतभेद थे।
  • दूसरी ओर, मुस्लिम लीग का मानना था कि मुसलमानों को राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए एक अलग राष्ट्र चाहिए।
  • मुस्लिम लीग का मानना था कि मुसलमान एक अलग "कौम" (Nation) हैं, इसलिए उन्हें एक अलग राष्ट्र की आवश्यकता है।
  • 1940 के लाहौर अधिवेशन में मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान के निर्माण की माँग रखी।


विभाजन के प्रमुख कारण :-
दो राष्ट्र सिद्धांत :
मोहम्मद अली जिन्ना और मुस्लिम लीग का तर्क था कि हिन्दू और मुसलमान दो अलग राष्ट्र हैं, जिनकी संस्कृति, परंपराएँ और धार्मिक पहचान अलग है। इसलिए वे एक साथ एक ही राष्ट्र में नहीं रह सकते।

कांग्रेस और लीग के बीच मतभेद : 
कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष और अखंड भारत चाहती थी। मुस्लिम लीग केवल पाकिस्तान पर अड़ी रही और सत्ता साझेदारी के सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया।

फूट डालो नीति :
ब्रिटिश शासकों ने "फूट डालो और राज करो" की नीति अपनाई। उन्होंने हिन्दू-मुसलमानों के बीच मतभेद को और बढ़ावा दिया।



भारत तथा पाकिस्तान की विभाजन प्रक्रिया :-
भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से एक बहुत बड़ा देश है और इसके भूभाग को इंडिया के नाम से जाना जाता है। 1947 में विभाजन की प्रक्रिया हुई तो ब्रिटिश सरकार ने यह साफ कर दिया कि इंडिया का विभाजन भारत तथा पाकिस्तान के रूप में किया जाएगा और साथ ही यह भी कह दिया गया कि विभिन्न रजवाड़ों के राजा और शासक भारत या पाकिस्तान में जाकर विलिन हो सकते हैं । इस तरह से लगभग यह तय होने लगा कि जहां मुस्लिम आबादी अधिक है वह क्षेत्र या स्थान पाकिस्तान कहलायेगा और जहां हिंदू आबादी अधिक है वह क्षेत्र भारत कहलाएगा। जहां मुसलमान की संख्या अधिक थी ऐसे इलाके दो थे एक इलाका पश्चिम में था और दूसरा इलाका पूर्व में। ऐसा कोई रास्ता नहीं था कि इन दोनों इलाकों को एक कर दिया जाए और पाकिस्तान निर्मित हो सके और इस तरह देखते हुए यह तय हो गया कि पाकिस्तान के दो इलाके होंगे पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। एक भारत का बड़ा भूभाग इन दोनों देशों के बीच विस्तारित रहेगा। हर मुस्लिम पाकिस्तान नहीं जाना चाहता था खान अब्दुल गफ्फार पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत के नेता थे। जो द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के  विरुद्ध थे। उनकी आवाज को दबा दिया गया और पश्चिमोतर पाकिस्तान में शामिल मान लिया गया। एक परेशानी और थी जहां पंजाब और बाहर के कई हिस्सों में मुस्लिम लोगों की संख्या अधिक थी और गैर मुस्लिम भी अधिक संख्या में थे। इन दो क्षेत्र का बंटवारा नहीं हो पाया था जो विभाजन की सबसे बड़ी त्रासदी साबित हुआ। लेकिन जैसे तैसे धार्मिक बहुसंख्यक के आधार पर दोनों का बंटवारा कर दिया गया। जम्मू कश्मीर, जूनागढ़(गुजरात) तथा आंध्र प्रदेश यह तीन क्षेत्र मुस्लिम आबादी वाले थे परंतु हैदराबाद और जूनागढ़ को भौगोलिक कारणों से पाकिस्तान में मिलना संभव न था और बाद में यह जैसे भारत का हिस्सा बन गए। कश्मीर एक अलग देश बनने की मुहिम में था परंतु पाकिस्तान की हरकतों की वजह से उसे भारत में विलीन कर दिया गया। सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने प्रयासों द्वारा ही 570 राजवाड़े को भारत में शामिल किया और इस प्रकार भारत-पाकिस्तान का विभाजन हो गया।


विभाजन के परिणाम:-
विभाजन होते ही लोगों की एक भारी भीड़ एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए मजबूर हो गई इतिहास का यह सबसे बड़ा मानव पलायन था।
  • इसी बीच सांप्रदायिक दंगो ने इस स्थिति को और भी ज्यादा खराब कर दिया। हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और लाखों लोग एक ही रात में विदेशी हो गए।
  • हिंदू और मुस्लिम की इस लड़ाई में निर्दोष लोगों की जान गई। जिन क्षेत्रों में हिंदुओं की संख्या ज्यादा थी उन क्षेत्रों में मुसलमान ने जाना छोड़ दिया और जिन क्षेत्रों में मुसलमान की संख्या अधिक थी उस क्षेत्र में हिंदुओं ने जाना छोड़ दिया और एक समुदाय ने दूसरे समुदाय के लोगों को बेहरमी से मारा और उनकी बहू बेटियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
  • भारत विभाजन के कारण शरणार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई।
  • विभाजन के द्वारा कश्मीर की समस्या भी उत्पन्न हुई। 
  • लोग अपने ही देश में परदेसी हो गए हिंदू और मुस्लिम के बीच सांप्रदायिक दंगे और संघर्ष और भी गहराता गया जो आज भी देखने को मिलता है

निष्कर्ष :
भारत और पाकिस्तान का विभाजन केवल एक राजनीतिक घटना नहीं था, बल्कि यह एक मानवीय त्रासदी भी थी।
स्वतंत्रता के साथ-साथ विभाजन ने करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
यह घटना आज भी दक्षिण एशिया की राजनीति और समाज पर गहरा असर डालती है।



"भारत और पाकिस्तान विभाजन प्रक्रिया से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर"
(अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)


प्रश्न 1. भारत-पाकिस्तान विभाजन कब और क्यों हुआ?
उत्तर: भारत-पाकिस्तान विभाजन 1947 में हुआ। 
इसके पीछे मुख्य कारण थे –
(i) धार्मिक आधार पर राजनीति (मुस्लिम लीग का दो-राष्ट्र सिद्धांत)।
(ii) हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच साम्प्रदायिक तनाव और दंगे।
(iii) ब्रिटिश सरकार की फूट डालो और राज करो नीति।
(iv) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौते की विफलता।

प्रश्न 2. भारत-पाकिस्तान विभाजन की प्रक्रिया कैसे पूरी हुई?
उत्तर: 3 जून 1947 को माउंटबेटन योजना (Mountbatten Plan) घोषित हुई।
इस योजना के अनुसार ब्रिटिश भारत को भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र देशों में बाँट दिया गया।
विभाजन की रेखा रेडक्लिफ रेखा (Radcliffe Line) द्वारा तय हुई।
14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान और 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र राष्ट्र बने।

प्रश्न 3. भारत-पाकिस्तान विभाजन के तात्कालिक परिणाम क्या थे?
उत्तर: (i) बड़े पैमाने पर हिंसा और दंगे हुए।
(ii) लगभग 80 लाख लोग विस्थापित हुए और लाखों की मौत हुई।
(iii) महिलाओं और बच्चों पर गंभीर अत्याचार हुए।
(iv) दोनों देशों के बीच कश्मीर विवाद और सीमा संघर्ष शुरू हुआ।

प्रश्न 4. विभाजन में मुस्लिम लीग और कांग्रेस की भूमिका क्या रही?
उत्तर: मुस्लिम लीग ने लगातार दो-राष्ट्र सिद्धांत की मांग की और पाकिस्तान बनाने पर ज़ोर दिया।
कांग्रेस ने लंबे समय तक एकता बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन अंततः हिंसा रोकने और स्थिरता लाने के लिए विभाजन स्वीकार किया।

प्रश्न 5. विभाजन का भारत की राजनीति और समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: (i) राजनीति में सुरक्षा और साम्प्रदायिकता एक स्थायी मुद्दा बन गए।
(ii) भारत ने अपने को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
(iii) शरणार्थियों के पुनर्वास और संपत्ति विवादों ने बड़ी चुनौती खड़ी की।
(iv) भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव और अविश्वास बना रहा।

प्रश्न 6. भारत-पाकिस्तान विभाजन को “मानव इतिहास का सबसे बड़ा विस्थापन” क्यों कहा जाता है?
उत्तर: विभाजन के समय लगभग 80 लाख से ज़्यादा लोग एक देश से दूसरे देश में गए।
यह विस्थापन अक्सर हिंसा, लूट, हत्या और बलात्कार के साथ हुआ।
इतने बड़े पैमाने पर एक साथ जनसंख्या का पलायन दुनिया के इतिहास में अभूतपूर्व था।




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