भारत की विदेश नीति | Class 12 Political Science Notes in Hindi (NCERT आधारित)

भारत की विदेश नीति (India’s Foreign Policy )– Class 12 Political Science Notes in Hindi [गुटनिरपेक्ष आंदोलन, पंचशील, शांति की नीति]

"क्या आप Class 12 Political Science की तैयारी कर रहे हैं और भारत की विदेश नीति (India’s Foreign Policy in Hindi) पर आसान और exam-oriented notes ढूँढ रहे हैं? इस पेज पर आपको NCERT आधारित पूरी जानकारी मिलेगी – गुटनिरपेक्ष आंदोलन (Non-Alignment Movement), पंचशील सिद्धांत, शांति की नीति और भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंध। यह नोट्स बोर्ड एग्जाम और प्रतियोगी परीक्षाओं दोनों के लिए बेहद उपयोगी हैं।"
भारत की विदेश नीति | Class 12 Political Science Notes in Hindi (NCERT आधारित)

परिचय व महत्व

स्वतंत्रता के बाद अंतर्राष्ट्रीय संदर्भों में एक स्वतंत्र और सामंजस्यपूर्ण कदम के रूप में भारत ने विदेश नीति स्थापित की, जिसने शौधानी और ध्यानभाव से देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विकास को सुनिश्चित किया।

नेहरू की विदेश नीति के उद्देश्य

(i) संघर्ष से मिली स्वतंत्रता की रक्षा
(ii) क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखना
(iii) तेज अर्थव्यवसायिक और सामाजिक विकास  
भारत की विदेश नीति के मुख्य सिद्धांत

भारत की विदेश नीति के मुख्य सिद्धांत

1. पंचशील सिद्धांत (1954) 

(i) 1954 में भारत और चीन के बीच समझौते के तहत पंचशील के पाँच मूलभूत सिद्धांत बने:
(ii) एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान।
(iii) एक-दूसरे पर आक्रमण न करना।
(iv) आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना।
(v) समानता और पारस्परिक लाभ।
(vi) शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व।

2. गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM)

(i) शीत युद्ध काल में भारत ने न अमेरिका के नेतृत्व वाले गुट को अपनाया और न ही सोवियत संघ के नेतृत्व वाले गुट को। 
(ii) पंडित नेहरू, युगोस्लाविया के टिटो, मिस्र के नासिर और इंडोनेशिया के सुकर्णो इसके प्रमुख नेता थे। 
(iii) भारत ने हमेशा स्वतंत्र और निष्पक्ष विदेश नीति अपनाने पर जोर दिया।

3. शांति और सहयोग

(i) भारत ने हमेशा युद्ध विरोधी रुख अपनाया।
(ii) कोरियाई युद्ध, वियतनाम युद्ध, फिलिस्तीन विवाद जैसे मुद्दों पर भारत ने शांति का पक्ष लिया।

4. विकासशील देशों के साथ एकजुटता

(i) भारत ने अफ्रीका और एशिया के उपनिवेशित देशों के स्वतंत्रता आंदोलनों का समर्थन किया।
(ii) दक्षिण अफ्रीका में अपार्थाइड नीति (नस्लभेद) का विरोध किया।

भारत की विदेश नीति की विशेषताएँ

(i) स्वतंत्र और स्वायत्त नीति।
(ii) नैतिकता और आदर्शवाद पर आधारित।
(iii) विश्व शांति और सहयोग का समर्थन।
(iv) विकासशील देशों की आवाज़ बनना।
(v) अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भागीदारी।

प्रमुख घटनाएँ और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

गुटनिरपेक्ष आंदोलन की शुरुआत:
(i) 1955 – बांडुंग सम्मेलन,
(ii) 1961 – बेलग्रेड प्रथम सम्मेलन,
(iii) आज ~120 सदस्य देश 

वर्तमान समय में भारत की विदेश नीति

(i) आर्थिक उदारीकरण (1991) के बाद भारत ने अमेरिका, यूरोप, रूस और एशियाई देशों से घनिष्ठ संबंध बनाए।
(ii) SAARC, BRICS, G-20 जैसे संगठनों में सक्रिय भूमिका।
(iii) आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक व्यापार जैसे मुद्दों पर नेतृत्व।
(iv) पड़ोसी देशों (नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश) के साथ "Neighborhood First Policy"।
(v) "Act East Policy" और "Look West Policy" के माध्यम से एशियाई देशों से संबंध मजबूत करना।

निष्कर्ष

भारत की विदेश नीति का मूल आधार शांति, गुटनिरपेक्षता और सहयोग रहा है। आज के समय में भारत न केवल एशिया में बल्कि पूरे विश्व में एक सशक्त और जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।


❓ भारत की विदेश नीति – महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Class 12 Political Science in Hindi)

प्रश्न 1. भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा, विश्व शांति की स्थापना, गुटनिरपेक्षता, औपनिवेशवाद और नस्लवाद का विरोध तथा विकासशील देशों के साथ सहयोग करना है।

प्रश्न 2. पंचशील सिद्धांत क्या है? इसके पाँच सिद्धांत लिखिए।
उत्तर: 1954 में भारत और चीन के बीच समझौते से पंचशील सिद्धांत सामने आए। इसके पाँच सिद्धांत हैं:
1.     एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान।
2.     आक्रमण न करना।
3.     आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना।
4.     समानता और पारस्परिक लाभ।
5.     शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व।

प्रश्न 3. गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) क्या है?
उत्तर: गुटनिरपेक्ष आंदोलन एक ऐसी नीति है जिसमें किसी भी शक्ति गुट (अमेरिका या सोवियत संघ) में शामिल न होकर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई जाती है। भारत इसके संस्थापक सदस्यों में से एक है।

प्रश्न 4. गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भारत की भूमिका बताइए।
उत्तर: (i) पंडित नेहरू ने NAM के सिद्धांतों को दिशा दी।
(ii) भारत ने शीत युद्ध में किसी गुट का पक्ष नहीं लिया।
(iii) विकासशील देशों के सहयोग और शांति की स्थापना पर बल दिया।

प्रश्न 5. भारत की विदेश नीति में शांति का महत्व क्या है?
उत्तर: (i) भारत ने हमेशा युद्ध के बजाय संवाद और सहयोग को प्राथमिकता दी।
(ii) कोरियाई युद्ध और वियतनाम युद्ध में शांति का पक्ष लिया।
(iii) संयुक्त राष्ट्र की शांति सेनाओं में भागीदारी की।
(iv) भारत का मानना है कि विकास केवल शांति में संभव है।

प्रश्न 6. स्वतंत्र भारत की विदेश नीति का निर्माण किसके नेतृत्व में हुआ?
उत्तर: स्वतंत्र भारत की विदेश नीति का निर्माण पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में हुआ। वे देश के पहले प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री थे।

प्रश्न 7. शीत युद्ध के समय भारत की विदेश नीति कैसी रही?
उत्तर: भारत ने शीत युद्ध में किसी भी गुट (अमेरिका या सोवियत संघ) में शामिल न होकर गुटनिरपेक्ष नीति अपनाई और विश्व शांति की स्थापना पर जोर दिया।

प्रश्न 8. विकासशील देशों के प्रति भारत का दृष्टिकोण कैसा रहा?
उत्तर: भारत ने विकासशील देशों की स्वतंत्रता आंदोलनों का समर्थन किया, उपनिवेशवाद का विरोध किया और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दिया।

प्रश्न 9. वर्तमान समय में भारत की विदेश नीति की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:  (i) पड़ोसी देशों के साथ "Neighborhood First Policy"।
(ii) "Act East Policy" और "Look West Policy"।
(iii) BRICS, SAARC, G-20 जैसे संगठनों में सक्रिय भूमिका।
(iv) अमेरिका, रूस और यूरोप से रणनीतिक संबंध।
(v) आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक व्यापार पर नेतृत्व।

प्रश्न 10. संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में भारत की भूमिका क्या रही है?
उत्तर: भारत UNO का संस्थापक सदस्य है। भारत ने शांति स्थापना, उपनिवेशवाद विरोध, मानवाधिकार और वैश्विक सहयोग में सक्रिय योगदान दिया है।

प्रश्न 11. भारत की विदेश नीति में गुटनिरपेक्षता क्यों आवश्यक थी?
उत्तर: (i) शीत युद्ध में विश्व दो गुटों में बँटा था।
(ii) किसी गुट में शामिल होने से भारत की स्वतंत्रता और विकास प्रभावित होता।
(iii) गुटनिरपेक्षता से भारत को स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने का अवसर मिला।

प्रश्न 12. भारत की विदेश नीति में आर्थिक उदारीकरण (1991) का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: (i) पश्चिमी देशों के साथ आर्थिक और तकनीकी सहयोग बढ़ा।
(ii) विदेशी निवेश और व्यापार संबंध मजबूत हुए।
(iii) भारत की विदेश नीति अब अधिक व्यावहारिक और आर्थिक हितों पर आधारित हो गई।




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